विधानसभा चुनावी मैदान में उतरे आधे प्रत्याशि स्नातक भी नहीं
विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे प्रत्याशियों में से आधे भी स्नातक नहीं हैं। बिहार के विभिन्न राज्यों से 1066 प्रत्याशि हैं, उस में 49 फीसद (522) की शैक्षणिक योग्यता ही स्नातक तक या उससे ज्यादा का है। 43 फीसद (455) प्रत्याशी पांचवीं से 12वीं तक ही पढ़े-लिखे हैं।
प्रत्याशियों के शपथ पत्र का विश्लेषण के बाद एडीआर और इलेक्शन वाच द्वारा जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 74 प्रत्याशी साक्षर और 5 पूरी तरह से निरक्षर हैं। 7 प्रत्याशी डिप्लोमाधारी हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी मैदान में उतरे सभी राजनीतिक दल राज्य के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटे हैं। सभी दलों की चाहत सत्ता में भागीदारी की है, चुनाव को लेकर दल हो या गठबंधन अपने नेता या किसी और का चेहरा सामने रख चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।
कई मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तो खुद चुनावी मैदान में योद्धा भी बनते देखे गये हैं। इस चुनाव में जहां सत्ता तक पुहंचने के लिए विभिन्न पार्टियों ने अलग-अलग गठबंधन बनाकर चुनावी मैदान में हैं वहीं बिहार के मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए छह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हैं।
दूसरी ओर चुनाव लड़ने वाले में से 38 फीसद (403) 25 से 40 वर्ष की आयु के प्रत्याशि हैं। 52 फीसद (548) प्रत्याशियों की आयु 41 से 60 वर्ष के बीच के और 11 फीसद (112) 61 से 80 वर्ष के बीच के हैं। 81 वर्ष के एक प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं। चुनावी मैदान में पहले चरण में महिला उम्मीदवार महज 11 फीसद (114) उम्मीदबार हैं।