पटना समेत 8 स्टेशनों पर ट्रेन रुकते ही महिलाओं से हाल-चाल पूछेंगी RPF

पटना समेत 8 स्टेशनों पर ट्रेन रुकते ही महिलाओं से हाल-चाल पूछेंगी RPF

ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिला पैसेंजर्स को काफी परेशानी होती है। कई बार चलती ट्रेनों में छेड़खानी की घटनाएं हो चुकी हैं। हाल में ही महानंदा एक्सप्रेस में कानपुर स्टेशन से चढ़ी एक लड़की के साथ एसी कोच में बदसलूकी की गई थी। इस तरह के मामलों ने रेलवे की परेशानी बढ़ा रखी थी। सवाल अकेले सफर करने वाली महिलाओं की सेफ्टी और सुरक्षा का था।

 

ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं को मिलेगी विशेष सुरक्षा

ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने ‘मेरी सहेली’ की एक नई योजना शुरू की है। इस योजना में, वैसी महिला पैसेंजर जो ट्रेन में अकेले सफर कर रही हों, उनके सुरक्षा का अब पूरा ख्याल रखा जाएगा। आरपीएफ की महिला अफसर और जवान सहेली के रूप में काम करेंगी।

 

ईस्ट सेंट्रल रेलवे के 8 स्टेशनों पर शुरू हुई ‘मेरी सहेली’ योजना

‘मेरी सहेली’ योजना की शुरूआत ईस्ट सेंट्रल रेलवे के तहत कुल 8 स्टेशनों पर किया है। जिसमें पटना जंक्शन, राजेंद्रनगर, दानापुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, धनबाद, समस्तीपुर, बरौनी और मुजफ्फरपुर शामिल हैं।

 

आरपीएफ रखेगी अपने पास अकेले सफर कर रही महिलाओं की डिटेल्स

ईसीआर के सीपीआरओे राजेश कुमार के अनुसार सभी ट्रेन का डाटा रेलवे के पास होता है। ट्रेन के महिला कोच या दूसरे कोच के बर्थ पर अकेले सफर करने वाली महिलाओं का डिटेल्स आरपीएफ के पास रहेगा। ट्रेन के स्टेशन पर रूकते ही आरपीएफ की महिला अफसर या जवान वहां पहुंचेंगी। महिला पैसेंजर का कुशलक्षेम पूछेंगी।

अगर उन्हें कोई परेशानी होगी तो उसका समाधान करेंगी या फिर अपने सीनियर अधिकारियों को समस्या की जानकारी देंगी। महिला पैसेंजर्स की सुरक्षा का ख्याल तब तक रखा जाएगा, जब तक वो अपने उद्देश्य तक पहुंच नहीं जाएंगी। जरूत पड़ने पर मदद के लिए चलती ट्रेन में आरपीएफ के हेल्पलाइन नंबर 182 पर कॉल कर समस्या के बारे में बताया भी जा सकता है। सूचना मिलने पर सम्भब हो तो उसी वक्त, नही तो अगले स्टेशन पर मदद पहुंचाई जाएगी।

 

महिला यात्रियों को जागरूक किया जा रहा

इस अभियान के तहत आरपीएफ की महिला विंग अकेली यात्रा करने वाली महिलाओं का सीट नंबर नोट करेगी और महिला पैसेंजर को जागरूक करेंगी कि किसी अनजान व्यक्ति से खाने-पीने के चीज न लें। जो भी सामान लेना है वह IRCTC के वेंडर या उसकी अधिकृत स्टॉल से ही लें। जरूरत पड़ने पर महिलीओं को यात्रा के दौरान सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। मेरी सहेली टीम में शामिल महिला विंग के पदाधिकारी ट्रेन के प्रत्येक कोच में जाकर महिलाओं को मेरी सहेली की जानकारी दे रही हैं, पंपलेट भी बांटा जा रहा है। इस अभियान के लिए युवा महिला सब इंस्पेक्टर की टीम को तैयार किया गया है, जो सभी कोच में पेट्रोलिंग करेंगी। 

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सभी रेलवे जोन में लागू

ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मेरी सहेली अभियान को अब देश के सभी रेलवे जोन में लागू कर दिया गया है। मेरी सहेली अभियान की शुरुआत South Eastern Railway ने सितंबर, 2020 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की थी। इसके सफल होने और महिला यात्रियों से पॉजिटिव फीडबैक मिलने के बाद अब इसे रेलवे के सभी जोन के लिए लागू कर दिया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इस अभियान से ट्रेन में सफर के दौरान महिलओं के साथ होने वाले अपराध और छेड़खानी की घटनाओं में कमी आएगी। रेलवे अपने इस अभियान में महिला यात्रियों से उनकी यात्रा पूरी होने के बाद फीडबैक लेगा, जिससे इस अभियान को और बेहतर बनाया जा सके।

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